निर्गन्थ श्रमणों की पावन सद्प्रेरणा से उत्साहित जीव हितो के प्रति समर्पित कुछ उत्साहित लोगों के समूह ने विचार बनाया ह की समाज में मूक पिक्षियों के लिए चिकित्सालय की आवश्यकता हें |अत: नि:शुल्क परिंदा अस्पताल श्री लाल मंदिर दिल्ली के चिकित्सकों के मापदण्ड अनुसार 2 सितम्बर 2009 को इस चिकित्सालय का शुभारम्भ किया गया | फिलहाल इस अस्पताल को संचालित करने वाले लोगों की संख्या 13 है | मनुष्य और जानवरों के लिए तो कई अस्पताल हें लकिन लावारिस पक्षी जो की करंट लगने, वाहन से टकराने, किसी अन्य वजह से घायल हो जाते हैं या बीमार पड़ते है तो उनके लिए शहर में कोई अस्पताल नहीं था | यहा सिर्फ लावारिस ही नहीं बल्कि घरों में पाले जाने वाले पिक्षियों का भी नि:शुल्क इलाज किया जाता हें | लकिन इन पालतु पिक्षियों को अस्पताल में भर्ती किया जाता हें तो ठीक होने के तुरंत बाद इन्हें आज़ाद कर देते है | यहा लोगों को पिक्षियों के रखरखाव के बारे में जानकारी भी दी जाती हें | यहा पर लाए गये पिक्षियों में कबुतर, तोते, बजरी, कौवे , मोर इत्यादी होते है |
अभी तक इस अस्पताल में हजारो पिक्षियों का इलाज हो चुका हें और वर्तमान में यहा सेंकडो का इलाज चल रहा है | यह अस्पताल सुबह 9 बजे से शाम को 6 बजे तक खुला रहता है | रविवार के दिन भी अस्पताल में डॉक्टरो की टीम पिक्षियों की जांच सुबह 9 से शाम 6 बजे तक करती है | आवस्यकता पड़ने पर इमरजेंसी सेवा भी दी जाती है | अस्पताल में पिक्षियों के स्वाथ्य की जांच तथा मोसम में क्या क्या सावधानी बरते इसकी जानकारी डॉक्टरो के द्वारा दी जाती है |
CHARITY BIRDS HOSPITAL, The proved organization started approx 90 years ago, and is running on the
principle of "live and let live" on which the jainism is based. Charity birds hospital was started according
to the wishes of a great Jain Saint (Maharaj Ji) in 1929,
This hospital is unique in the world (unique because, it runs on donations only and more than. 95% donations
come alone from Jains only). From Kinari Bazar, this hospital was shifted to pious premises of Shri Digmber
Jain Red Temple (Commonly known as Lal Mandir) in front of Historical Red Forte (Lal Quila).
वर्ष में दाना खर्चा एक दिन - 5100/ - रूपये
वर्ष में एक दिन चिकित्सा - 5100/ - रूपये
वर्ष में एक दिन दाना व चिकित्सा खर्चा - 11000/ - रूपये
उपरोक्त खर्च को ध्यान में रखते हुए कोई भी दानी यथायोग दान राशि से सहयोग कर रसीद प्राप्त कर सकते हें और इस
अमूल्य सामाजिक तथा जीव दया के कार्य में सहयोग कर सकते हें संथा के मासिक सदस्यों की संख्या 100 हें जो प्रति
महा दान प्रदान करते है |