अस्पताल लाने से पहले पिक्षियों की देखभाल
1. जब भी आपको कोई जख्मी पक्षी मिलता है तो जख्म को साफ़ करके जख्म पर हल्दी लगा दीजिए और यदि जख्म म से खून निकल रहा हो तो उस पर बर्फ लगा दीजिए और फिर हल्दी लगा दीजिए |
2. उडती पतंग की डोरी पिक्षियों कि गर्दन के चारो तरफ लिपट जाती हें जिससे उनकी गर्दन घुटने का डर रहता है सबसे पहले पतंग की डोरी को काटकर, पिक्षियों के अस्पताल में ले जाना चाहिए |
3.पिक्षियों को बिजली आदि के तारो से करंट लग जाता है और वहे नीचे गिर जाते हें उसे उठा कर सबसे पहले उसे पानी पिलाना चाहिए फिर उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए |
4. गर्मी के मोसम में कई बार आप को पक्षी बेहोशी की हालत में गिरे मिलेंगे उनको उठाकर सबसे पहले उसको पानी पिलाना चाहिए और उसको अस्पताल ले जाना चाहिए व सर पर पानी डाले |
5. यदि पक्षी का कोई छोटा बच्चा गिरा मिलता है तो उसको रुई आदि में लपेट कर अस्पताल पहुचाँए|
पिक्षियों के धर्मार्थ अस्पताल में पिक्षियों के स्वास्थ्य तथा मोसम सम्बन्धी कुछ महत्वपूर्ण बाते
गर्मी के मोसम में निम्नलिखित बीमारिया व सावधानी बरतनी चाहिए
1 बीमारी - गर्मी के मौसम में ज्यादातर पक्षी दस्त के शिकार हो जाते हैं
सावधानिया - पिक्षियों के खानपान का सही ध्यान रखे समय समय पर उसे दवा दे |
2 बीमारी - गर्मी में पिक्षियों को डी-हाईड्रेशन व सुखा रोग का सामना करना पड़ता हैं |
सावधानिया - पिक्षियों को बीच-बीच में इलेक्ट्रोड पाउडर का घोल आदि दे |
3 बीमारी - गर्मी में पक्षी हिट केसिस व मुँह आने के शिकार हो जाते हैं |
सावधानिया - हिट केसिस पिक्षियों के सिर पर ठन्डे पानी में भिगो कर कपड़ा डालते रहे |
4 बीमारी - गर्मी में पक्षी उड़ते हुए घरों में आ जाते हें जो कि पंखे व करंट आदि लगने से घायल हो जाते है
सावधानिया - पिक्षियों को आने से रोकने के लिए खिड़कियाँ आदि बंद रखे अगर पक्षी घर में आ गया है तो सबसे पहले पंखा आदि को बंद कर दे | फिर खिड़की खोल कर उसे निकाल दे |
5 बीमारी - गर्मी में पिक्षियों को चिकन पोक्स (चेचक ) बीमारी खास कर (बच्चो) में ज्यादा आती है |
सावधानिया - अगर यह बीमारी किसी बच्चो में आ ती है तो उसे अन्य पिक्षियों से बिल्कुल अलग कर दे तथा उसे किसी साफ स्थान पर नीम की पत्ती आदि बिछा कर उसके उपर रखे याद रहे की यह बीमारी एक दुसरे से फलती है |
6 बीमारी - इसके अलावा लकवा आदि की बीमारियाँ होती है |
सावधानिया - लकवा आदि की बीमारी में पक्षी को खुले वातवरण व धूप की आवश्कता होती है और यह बीमारी जल्दी सही नहीं होती इसीलिए समय-समय पर दवा डाली जाती है |
सर्दी में पिक्षियों में निम्नलिखित बीमारियाँ व सावधानिया बरतनी चाहिए
1 बीमारी - सर्दी में पिक्षियों को ठण्ड लगने का खतरा ज्यादा रहता है |
सावधानिया - सर्दी में पिक्षियों को ठण्ड से बचाने के लिए बंद कमरे में हीटर आदि चलाकर रखे व पिक्षियों को ठण्ड में नहलाना नहीं चाहिए |
2 बीमारी - सर्दी में पिक्षियों की नाक व मुँह सफ़ेद रंग का तरल पदार्थ निकलता है |
सावधानिया - सर्दी में यह अक्सर होता हें इसके लिय मुँह व नाक को रूई आदि से साफ रखे जिससे की पिक्षियों सास लेने म दिक्कत न आये तथा उसे समय पर दवा खिलवाए |
3 बीमारी - सर्दी में पिक्षियों को टयूमर व लकवा आदि का खतरा रहता है |
सावधानिया - टियुमर एक बद्गोस्त जो कि चोट आदि से बनता हें | इसका आँपरेशन एक आखरी इलाज है |